उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने लक्ष्मी नारायण मंदिर के 100 मीटर दायरे में कूड़ा एवं मलबा डंपिंग पर लगा दी रोक
इंडिया एज न्यूज नेटवर्क
नैनीताल : उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने जारी अपने महत्वपूर्ण निर्णय में बद्रीनाथ यात्रा मार्ग के अंतिम पड़ाव हाट गांव में आदि शंकराचार्य की ओर से स्थापित लक्ष्मी नारायण मंदिर के 100 मीटर दायरे में कूड़ा एवं मलबा डंपिंग पर रोक लगा दी है। मामले को हाट गांव के ग्राम प्रधान राजेन्द्र हटवाल की ओर से एक जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई है।
इस प्रकरण की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि हाट गांव में प्राचीन मंदिरों का समूह है। इसमें लक्ष्मी नारायण मंदिर के अलावा शिव, चंडिका, गणेश और सूर्य कुंड आदि के साथ ही स्थानीय भूम्याल एवं बगडवाल देवताओं के स्थान शामिल हैं।
मंदिर का गर्भगृह आज भी यहां मौजूद है। इन मंदिरों की स्थापना 8वीं-9वीं सदी में आदि शंकराचार्य जी ने की और मान्यता है कि बद्रीनाथ की यात्रा यहीं से संचालित होती है और बद्रीनाथ का अंतिम पड़ाव होने के कारण इस मंदिर में उन लोगों के लिए पूजा करने के लिए एक वैकल्पिक स्थान प्रदान किया गया, जो बद्रीनाथ की कठिन यात्रा नहीं कर पाते हैं। इसीलिए एक महत्वपूर्ण पौराणिक स्थल के साथ-साथ विरासत का दर्जा दिया गया है।
(जी.एन.एस)